भारत और सऊदी अरब के बीच पर्यटन सहयोग के लिए एक वेबिनार में जी कमलावर्धन राव, आईएएस, अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक, आईटीडीसी ने कहा, भारत में चिकित्सीय मूल्य पर्यटन (मेडिकल वैल्यू टूरिज्म) के लिए अपार संभावनाएं हैं – India Tourism Development Corporation
प्रेस विज्ञप्ति

12 July 2021

भारत और सऊदी अरब के बीच पर्यटन सहयोग के लिए एक वेबिनार में जी कमलावर्धन राव, आईएएस, अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक, आईटीडीसी ने कहा, भारत में चिकित्सीय मूल्य पर्यटन (मेडिकल वैल्यू टूरिज्म) के लिए अपार संभावनाएं हैं


नेशनल, 12 जुलाई, 2021: भारत और सऊदी अरब के बीच पर्यटन को पुनर्जीवित करने और द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करने के लिए, भारतीय व्यापार संवर्धन परिषद ने दोनों देशों के दूतावासों के सहयोग से भारत और सऊदी अरब के बीच पर्यटन सहयोग पर एक वेबिनार का आयोजन किया।

प्रख्यात पैनलिस्टों में सऊदी अरब में भारत के राजदूत महामहिम डॉ ऑसफ सईद; श्री जी कमलावर्धन राव, आईएएस, अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक, आईटीडीसी; श्री ऑगस्टस साइमन, निदेशक भारतीय उपमहाद्वीप - सऊदी पर्यटन प्राधिकरण; श्री अशोक सेठी, निदेशक, भारतीय व्यापार संवर्धन परिषद; विभिन्न उद्योग हितधारक और भागीदार शामिल थे।

भारत और सऊदी अरब के बीच पर्यटन सहयोग के सुदृढ़ीकरण पर बोलते हुए, श्री जी कमलावर्धन राव, आईएएस, अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक, आईटीडीसी ने पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से कहा, “जहाँ तक चिकित्सीय मूल्य पर्यटन (मेडिकल वैल्यू टूरिज्म) का संबंध है, सामर्थ्य, अभिगम्यता और चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता के कारण भारत, विश्व में 10वें स्थान पर है। यह स्वास्थ्य कल्याण पर्यटन के संबंध में दुनिया में 7वें और एशिया प्रशांत क्षेत्र में तीसरे स्थान पर प्रभुत्व वाला देश है। भारत में 2017 में 4.95 लाख चिकित्सीय पर्यटक आए, जो 2019 में 7 लाख से अधिक हो गए। 800 एनएबीएच और 36 जेसीआई मान्यता-प्राप्त अस्पतालों सहित, भारत सुदृढ़ पारिस्थितिकी तंत्र के कारण, जो पहले ही भली-भांति विकसित है, चिकित्सा सुविधाओं के लिए व्यवहार्य गंतव्य है। चिकित्सीय मूल्य पर्यटन (एमवीटी), भारत सरकार द्वारा अभिनिर्धारित 10 सर्वोत्तम क्षेत्रों में से एक है और हम संभवत: विश्व के एकमात्र देश हैं, जहां वैकल्पिक चिकित्सा और पारंपरिक दवाओं के लिए चिकित्सा समर्पित मंत्रालय, आयुष मंत्रालय है, जो आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी दवाओं को बढ़ावा देता है। कोविड के बाद स्वास्थ्य लाभ की अवस्था में अपनी प्रभावकारिता सिद्ध करने के साथ, आयुर्वेद विश्व-भर में बड़े व्यापक स्तर पर आगे बढ़ रहा है।”

एमवीटी के अतिरिक्त, इस बात पर प्रकाश डाला गया कि भारत सऊदी अरब के पर्यटकों को प्राचीन समुद्र-तटों सहित विशाल समुद्री-तट और 566 वन्यजीव अभयारण्यों और 104 राष्ट्रीय उद्यानों सहित विशाल वन आवरण प्रदान कर सकता है, जो उदाहरणतः, अफ्रीका द्वारा प्रस्तुत वन्यजीव पर्यटन के बढ़िया विकल्प हैं। भारत माइस (एमआईसीई) क्षेत्र को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दे रहा है और यद्यपि सऊदी अरब के लोगों को कार्यक्रमों के लिए दुबई जाना सस्ता लग सकता है, भारत निश्चित रूप से अधिक किफायती गंतव्य है।

देश की विविध प्राकृतिक विरासत का जिक्र करते हुए, श्री राव ने भारत के तटीय पर्यटन के 7500 किमी के समुद्र-तट के साथ-साथ कर्नाटक और केरल में मानसून पर्यटन के उत्कृष्ट अनुभव का उल्लेख किया। उन्होंने कश्मीर के विस्तृत बर्फ से ढके हुए भूदृश्य और दर्शनीय लेह व लद्दाख में पर्यटन को पुनर्जीवित करने के साथ-साथ प्रकृति-समृद्ध उत्तर-पूर्व में पर्यटन के विकास पर विशेष ध्यान देने के विषय में भी बात की। साथ ही, भारत में अंतररार्ष्ट्रीय पर्यटन को बढ़ावा देने के रूप में, श्री राव ने एक बार वीजा जारी होने की प्रक्रिया के पुन:प्रारंभ होते ही प्रथम 5 लाख पर्यटकों के लिए मुफ्त पर्यटक वीजा प्रदान करने की भारत सरकार की घोषणा पर प्रकाश डाला।

सऊदी अरब में भारत के राजदूत महामहिम डॉ ऑसफ सईद ने पर्यटकों के लिए पर्यटन प्रतिबंध हटाने और चिकित्सा पर्यटन, धार्मिक पर्यटन, पारंपरिक पर्यटन, प्रकृति पर्यटन और पर्यावरण पर्यटन केंद्रित पर्यटक अनुकूल पर्यटन पैकेज पर बल देते हुए कहा कि भारत और सऊदी अरब, दोनों पर्यटन के पुनरुद्धार के लिए दृढ़ तालमेल के लिए तत्पर हैं।

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